1 वह इस भीड़ को देखकर, पहाड़ पर चढ़ गया; और जब बैठ गया तो उसके चेले उसके पास आए।
मत्ती 5:1
2 और वह अपना मुंह खोलकर उन्हें यह उपदेश देने लगा,
मत्ती 5:2
3 धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
मत्ती 5:3
4 धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे।
मत्ती 5:4
5 धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे।
मत्ती 5:5
6 धन्य हैं वे जो धर्म के भूखे और प्यासे हैं, क्योंकि वे तृप्त किये जाएंगे।
मत्ती 5:6
7 धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी।
मत्ती 5:7
8 धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे।
मत्ती 5:8
9 धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे।
मत्ती 5:9
10 धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
मत्ती 5:10
11 धन्य हो तुम, जब मनुष्य मेरे कारण तुम्हारी निन्दा करें, और सताएं और झूठ बोल बोलकर तुम्हरो विरोध में सब प्रकार की बुरी बात कहें।
मत्ती 5:11
मत्ती 5:1
2 और वह अपना मुंह खोलकर उन्हें यह उपदेश देने लगा,
मत्ती 5:2
3 धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
मत्ती 5:3
4 धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे।
मत्ती 5:4
5 धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे।
मत्ती 5:5
6 धन्य हैं वे जो धर्म के भूखे और प्यासे हैं, क्योंकि वे तृप्त किये जाएंगे।
मत्ती 5:6
7 धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी।
मत्ती 5:7
8 धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे।
मत्ती 5:8
9 धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे।
मत्ती 5:9
10 धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
मत्ती 5:10
11 धन्य हो तुम, जब मनुष्य मेरे कारण तुम्हारी निन्दा करें, और सताएं और झूठ बोल बोलकर तुम्हरो विरोध में सब प्रकार की बुरी बात कहें।
मत्ती 5:11
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